तुगलक वंश (1320-1398 ई०) : तुगलक वंश का अन्तिम शासक,गयासुद्दीन तुगलक,मुहम्मद तुगलक,फिरोज तुगलक
दोस्तों , आज हम Notes In Hindi Series में आपके लिए लेकर आये हैं हर्षवर्द्धन से सम्बन्धित सामान्य ज्ञान ! Harshvardhan बहुत से Questions Competitive Exams में पूछे जाते हैं , यह एक बहुत ही विशेष Part आता है हमारे Gs का | तो आज हम पढेंगे तुगलक वंश (1320-1398 ई०) : तुगलक वंश का अन्तिम शासक,गयासुद्दीन तुगलक,मुहम्मद तुगलक,फिरोज तुगलक के बारे में !
- 5 सितम्बर 1320 ई० को खुशरो को पराजित करके गाजी तुगलक ने ग्यासुद्दीन तुगलक के नाम से तुगलक वंश की स्थापना की।
- 1321 ई० ग्यासुद्दीन तुगलक ने जौना खान (उलूग खान) अर्थात मुहम्मद बिन तुगलक को तेलंगाना के विद्रोही शासक प्रताप रूद्रदेव के विरूद्ध अभियान के लिए दक्षिण भेजा।
- ग्यासुद्दीन तुगलक (1320-25 ई०) ने 19 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया।
- ग्यासुद्दीन ने अपने साम्राज्य में सिंचाई की व्यवस्था की तथा सम्भवत: नहरों (Canals) का निर्माण करने वाला पहला शासक था।
- गग्यासुद्दीन तुगलक ने दिल्ली के समीप स्थित पहाडि़यों पर तुगलकाबाद नाम का एक नया नगर स्थापित किया तथा दिल्ली में मजलिस-ए-हुक्मरान की स्थापना की थी।
- रोमन शैली में निर्मित तुगलकाबाद में एक दुर्ग का निर्माण भी हुआ, जिसे छप्पनकोट के नाम से भी जाना जाता है1
- ग्यासुद्दीन तुगलक की मृत्यु 1325 ई० में बंगाल के अभियान से लौटते समय जूना खाँ द्वारा निर्मित लकड़ी के महल में दबकर हो गयी।
- बिहार के मैथिली कवि विद्यायपति के रचनाओं में ग्यासुद्दीन तुगलक के विषय में महत्वपूर्ण विवरण प्राप्त होते हैं।
- ग्यासुद्दीन तुगलक के मृत्यु के बाद जौना खाँ मुहम्मद बिन तुगलक (1325-51 ई०) के नाम दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
- भारतीय इतिहास में मुहम्मद बिन तुगलक पागल, सनकी, रक्तपिपासु आदि नामों से जाना जाता है।
- मुहम्मद बिन तुगलक के काल में दिल्ली सल्तनत का साम्राज्य सर्वाधिक विस्तृत था।
- मुहम्मद बिन तुगलक मध्यकालीन सभी सुल्तानों में सर्वाधिक शिक्षित तथा विद्वान था।
- मुहम्मद बिन तुगलक ने चार योजनओं को क्रिेयान्वित किया जा इस प्रकार थे-
- राजधानी दिल्ली का दौलताबाद स्थानान्तरण।
- सोना चाँदी के स्थान पर बाँबे एवं पीतल के सांकेतिक मुद्रा (Token Currency) का प्रचलन।
- दोआब क्षेत्र में भू-राजस्व की दर कुल उपज का ½ करना।
- कराचिल एवं खुरासन का विफल अभियान।
- मुहम्मद तुगलक ने कृषि के विकास के लिए एक नये कृषि विभाग दीवान-ए-अमीर कोही की स्थापना की।
- अफ्रीकी यात्रा इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के समय भारत आया था।
- 1333 ई० में मुहम्मद-तबन-तुगलक ने इब्नबतूता को 1342 ई० में राजूदत बना कर चीन भेजा।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासनकाल में दक्षिण में हरिहर एवं बुक्का नामक दो भाइयों ने 1336 ई० में स्वतन्त्र राज्य विजयनगर की स्थापना की।
- 1347 ई० महाराष्ट्र में अलाउद्दीन बहमन शाह ने बहमनी साम्राजय की स्थापना की।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासनकाल में सर्वाधिक विद्रोह हुए जिसके परिणामस्वरूप लगभग पूरा दक्षिण का राज्य स्वतन्त्र हो गया।
- उसके शासनकाल में कान्हा नायक ने विद्रोह कर स्वतन्त्र वारंगल राज्य की स्थापना की।
- मुहम्मद-बिन- तुगलक ने इंशा-ए-महरू नामक पुस्तक की रचना की।
- 1341 ई० में चीनी सम्राट तोगनतिमुख ने अपना राजदूत भेजकर मुहम्मद बिन तुगलक से हिमाचल प्रदेश के बौद्ध मन्दिों के जीर्णोंद्धार के लिए अनुमति मांगी।
- जैन सन्त जिन चन्द्रसूरी को मुहम्मद तुगलक ने सम्मानित किया।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक की मृत्यु थट्टा में हुई।
- मुहम्मद तुगलक की मृत्यु पर बदायूनी ने लिखा कि “सुल्तान को उसकी प्रजा से और प्रजा को अपने सुल्तान से मुक्ति मिल गई।”
- मुहम्मद-बिन-तुगलक (1351-88 ई०) सूफी संत शेख अलाउद्दीन का शिष्य था।
- मुहम्मद-बिन-तुगलल पहला सल्तनत शासक था, जो अजमेर स्थित शेख मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर गया।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक पहला सुल्तान था (सल्तनत का) जो बहराइच स्थित सालार मसूद गाजी के मकबरे पर गया।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक ने मीरन मुलहीम (बदायूँ) निजामुद्दीन औलिया (दिल्ली), शेख रूकनुद्दीन (मुल्तान) आदि के मकबरे बनवाए।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक की मृत्यु के पश्चात् उसका चचेरा भाई फिरोजशाह तुगलक (1351-88 ई०) दिल्ली की गद्दी पर बैठा।
- फिरोजशाह तुगलक का रज्याभिषेक थट्टा में हुआ तथा पुन: 1351 ई० में दिल्ली में दोबारा राज्याभिषेक हुआ।
- फिरोज तुगलक ने 24 आपत्तिजनक करों को समाप्त किया।
- फिरोज ने शरीयत द्वारा स्वीकृत 4 करों-खराज (लगान), जजिया (गैर-मुस्लिमोंसे वसूला जाने वाला कर), खम्स (युद्ध में लूट का माल), जकात (मुसलमानों से लिया जाने वाला कर) आदि को ही प्रचलन में मुख्य रूप से रखा।
- फिरोज ने सिंचाई कर हक-ए-शर्ब लगाया जो सिंचित भूमि के कुल उपज का 1/10 था।
- फिरोज तुगलक ने 5 बउ़ी नहरों का निर्माण करवाया।
- फिरोज ने फिरोजाबाद, हिसार, जौनपुर, फतेहाबाद आदि नगरों की स्थापना की।
- फिरोज तुगलक ने सर्वप्रथम राज्य के आय का प्रमाणिक ब्यौरा तैयार करवाया।
- फिरोज तुगलक ने सर्वप्रथम राज्यके आय का प्रमाणिक ब्यौरा तैयार करवाया।
- फिरोज तुगलक ने अशोक के खिज्राबाद (टोपरा) एवं मेरठ में स्थित दो स्तम्भों को वहाँ से स्थानांतरित कर दिल्ली में स्थापित किया।
- फिरोज तुगलक ने अनाथ मुस्लिम महिलाओं, विधवाओं एवं लड़कियों के लिए दीवान-ए-खैरात (दान-विभाग) की स्थापना की ।
- फिरोज तुगलक के शासनकाल में सल्तनतकालीन सुल्तानों में दासों की संख्या सर्वाधिक थी।
- फिरोज ने दासों के लिए दीवान-ए-वन्द्गान (दास विभाग) की स्थापना की।
- फिरोज के दरबार में विद्वान जियाउद्दीन बरनी तथा शम्से शिराज अफीफ रहता था।
- बरनी और शम्से शिराज अफीफ ने तारीख-ए-फिरोजशाही की रचना की।
- फिरोज तुगलक ने स्वयं आत्मकथा लिखी जो फुतूहाते-फिरोजशाही के नाम से जाना जाता है।
- फिरोज तुगलक ने दिल्ली के निकट दार-उल-सफा नामक एक खैराती अस्पताल खोला।
- फिरोज तुगलक ने दिल्ली के निकट दार-उल-सफा नामक एक खैराती अस्पताल खोला।
- फिरोज तुगलक ने चाँदी एवं ताँबे के मिश्रण से शशगनी, अद्धा एवं विश्व जैसे सिक्के चलाये।
- फिरोज तुगलक के काल में खान-ए-जहाँ तेलंगानी के मकबरे का निर्माण हुआ।
- खान-ए-जहाँ तेलंगानी के मकबरे की तुलना जेरूशलम के उमर मस्जिद से की जाती है।
- दिल्ली स्थित फिरोजशाह कोटला दुर्ग फिरोज तुगलक द्वारा ही निर्मित करवाया गया।
- फिरोजशाह ने अपने जाजनगर (उड़ीसा) अभियान के दौरान पुरी के जगन्नाथ मन्दिर को ध्वस्त किया तथा नागरकोट अभियान के दौरान ज्वालामुखी मन्दिर को ध्वस्त कर इसे लूटा।
- फिरोज तुगलक ने लगभग 300 प्राचीन संस्कृत ग्रन्थों का फारसी अनुवाद आजउद्दीन खालिद द्वारा दलायले-फिरोशाही के नाम से करवाया।
- नासिरूद्दीन महमूद तुगलक वंश का अन्तिम शासक था।
- नासिरूद्दीन महमूद के शासनकाल में तैमूरलंग ने 1398 ई० में भारत पर आक्रमण किया।
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