Modern History Handwritten Notes In Hindi PDF
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Modern History Of India Handwritten Notes In Hindi :-
चम्पारण सत्याग्रह
- गोरे बगान मालिकों ने किसानों से एक समझौते के तहत किसानों को अपनी भूमि के 3/20 वें भाग पर नील की खेती को अनिवार्य कर दिया, जिसे बाद में तिनकठिया प्रथा कहा जाने लगा।
- 1917 में चंपारन के राजकुमार शुक्ल ने गांधी जी को किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए चंपारन आमंत्रित किया। गांधी जी ने कमिश्नर के आदेश की अवहेलना करके ‘सत्याग्रह’ की धमकी दी। फलस्वरूप स्थानीय सरकार ने प्रतिबंध को समाप्त कर दिया।
- उपरोक्त जीत के साथ गांधी जी अपने सहयोगी राजेन्द्र प्रसाद, ब्रजकिशोर, महादेव देसाई, नरहरिपारखे, जे० पी० कृपलानी के साथ अपने काम में सक्रिय हुए।
- ज्यूडिथ ब्राऊन ने अपनी पुस्तक ‘गांधीजी राइज टू पावर’ में राजेन्द्र प्रसाद, एस० एम० सिन्हा तथा जे० वी० कृपलानी को ‘सब-कान्द्रैक्टर्स’ की संज्ञा दी। चम्पारण सत्याग्रह के समय ही रवीन्द्र नाथ टैगोर ने ‘महात्मा गांधी’ को महात्मा’ कहा।
खेड़ा सत्याग्रह
- नवम्बर, 1917 में खेड़ा के मोहनलाल पाड्यां ने बढ़ी हुई मालगुजारी के विरुद्ध ‘मालगुजारी ना अदायगी’ का नारा बुलन्द किया। यहीं से किसानों का खेड़ा आन्दोलन शुरू होता है।
- 22 मार्च, 1918 को गांधी जी खेड़ा आन्दोलन को अपने हाथों में ले लिया। सन् 1918 में गुजरात सभा’ की अध्यक्षता करते हुए गांधी जी ने नारा दिया कि-“लगान मत दो, दमनकारी आदेश के खिलाफ संघर्ष करो।” आन्दोलन की उग्रता को देखकर सरकार ने अधिकारियों को गुप्त आदेश दिया कि वे लगान उन्हीं किसानों से वसूल करें जो लगान देने की स्थिति में हों।
- खेड़ा सत्याग्रह को भारत में गांधी जी द्वारा चलाया जाने वाला पहला वास्तविक किसान सत्याग्रह कहा गया।
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