Medieval India History In Hindi : मध्‍यकालीन भारत का भारत

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Medieval India History In Hindi : मध्‍यकालीन भारत का भारत

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मध्‍यकालीन भारत (Medieval India)

  • भारतीय इतिहास में 1206 ई० से 1739 ई० तक का काल मध्‍यकाल माना जाता है।
  • मध्‍यकाल का आरम्भ कुतुबुद्दीन ऐबक (मुहम्‍मद गोरी का गुलाम) द्वारा 1206 ई० में मुस्लिम शासन की स्‍थापना से होता है।
  • इस काल का अन्‍त 1739 ई० में नादिरशाह के आक्रमण एवं उसके परिणामस्‍वरूप हुए मुगल साम्राज्‍य के पूर्ण विलोप से होता है।

मध्‍यकालीन भारतीय इतिहास के लिखित स्‍त्रोत  (Written Source of Medieval Indian History)

  1. मध्‍यकालीन भारतीय इतिहास के साहित्यिक स्‍त्रोत-
  स्‍त्रोत   रचनाकार
1.   चचनामा  अली अहमद
2.   शाहनामा  फिरदौसी
3.   तारीख-ए-सिन्‍ध  मीर मोहम्‍मद मासूम
4.   किताब-उल-यामिनी  उत्‍बी
5.   तब‍कात-ए-नासिरी  मिन्‍हाज-उस-सिराज
6.   तारीख-ए-फिरोजशाही   जियाउद्दीन बरनी
7.   फतवा-ए-जहाँदारी  जियाउद्दीन बरनी
8.   सियासतनामा  निजाम-उल-मुल्‍क तुसी
9.   तहकीक-ए-हिन्‍द  अलबरूनी
10.किरान-उस-सादेन  अमीर खुसरो

 

11.                     मिफ्ता-उल-फुतूह  अमरी खुसरो
12.                     आशिकी  अमरी खुसरो
13.                     तुगलकनामा  अमरी खुसरो
14.                     किताब-उल-रेहला  इब्‍न बतूता
15.                     त्‍वारीख-ए-मुबारकशाही  याह्ना-बिन-अहमद सरहिन्‍दी
16.                     वाक्यात-ए-मुस्‍ताकी  रिजकुल्‍ला मुस्‍ताकी
17.                     फुतुह-उस-सलातीन  अब्‍दुल मलिक इसामी
18.                     तुजुक-ए-बाबरी  बाबर
19.                     हुमायूँनामा  गुलबदन बेगम
20.                     तोहफा-ए-अकबशाही  अब्‍बास खाँ शेरवानी
21.                     अकबरनामा  अबुल फजल
22.                     आइए-ए-अकबरी  अबुल फजल
23.                     मुंतखाब-उत-त्‍वारीख  बदायुनी
24.                     बाबरनामा  अब्‍दुल रहीम खान-ए-खाना
25.                     तुजुक-ए-जहाँगीरी  जहाँगीर
26.                     इकबालनामा-ए-जहाँगीरी  मौतमिद खाँ
27.                     पादशाहनामा  अब्‍दुल हमीद लाहौरी
28.                     पादशाहनामा  मोहम्‍मद अमीनी लाहौरी
29.                     अम्‍ल-ए-सालेह  मोहम्‍मद सालेह
30.                     चहार चमन  चन्‍द्रभान ब्रामह्ण
31.                     आलमगीरनामा  काजेम शिराजी, हातिम खाँ
32.                     फुतुहात-ए-आलमगीरी  ईश्‍वर दास नागर
33.                     फतवा-ए-आलमगीरी  ईश्‍वर दास मेहता
34.                     मुन्‍तखाब-उल-लुबाब  खफी खान
35.                     सियार-उल-मुख्‍तरैन  गुलाम हुसैन

 

  • ‘चचनामा (अली अहमद)’ का एक अन्‍य नाम फतहनामा भी है।
  • शाहनामा का लेखक फिरदौसी सुल्‍तान महमूद गजनी के साथ भारत आया।
  • अमीर खुसरो (वास्‍तविक नाम-अहमद हसन) का जन्‍म 1253 ई० में पटियाली (बदायूँ) में हुआ था।
  • अमीर खुसरो सुफी संत निजामुद्दीन औलिया के शिष्‍य थे।
  • अमीर खुसरो को तबला एवं सितार के आविष्‍कार का श्रेय प्राप्‍त है।
  • अमीर खुसरो को भारत में सूफी कव्‍वाली का जन्‍मदाता माना जाता है।
  • अमीर खुसरो बलबन से लेकर मुहम्‍मद-बिन-तुगलक तक सभी सुल्‍तानों के दरबार में रहे।
  • अमीर खुसरोको सुल्‍तान अलाउद्दीन खिलजी ने तुति-ए-हिन्‍द की संज्ञा दी।
  • तुजुक-ए-बाबरी, तुर्की भाषा में तुजुक-ए-बाबरी का अनुवाद है।
  • बाबरनामा की रचना मुगलबादशाह अकबर के आदेश पर अब्‍दुलरहीम खान-ए-खाना ने किया।
  • अकबरनामा तीन जिल्‍दों में बंटा हुआ है, तीसरा जिल्‍द आइन-ए-अकबरी कहलाता है।
  • पादशाहनामा के नाम से अलग-अलग लेखकों ने तीन ग्रंथों की रचना की।
  • पादशाहनामा नामक सभी ग्रंथ शाहजहाँकालीन इतिहास प्रस्‍तु करता है।
  1. यात्रा वृत्‍तांत (Journey Accounts) –

  • टेवर्नियर (फ्रांस) के Six Voyages में मध्‍यकालीन (मुगलकालीन) भारत के व्‍यापार एवं हस्‍त शिल्‍प का विस्‍तृत वर्णन किया है।
  • मार्को पोलो (इटली) के दि ट्रैवेल्‍स से सल्‍तनतकालीन दक्षिण भारत की समृद्धि का ज्ञान होता है।
  • निकोलस-कॉन्‍टी अपने यात्रा वृतांत में विजयनगर साम्राज्‍य की विस्‍तृत जानकारी प्रदान करता है।
  • पीटर मुडी एवं जॉन मार्शल (दोनों इंग्‍लैंड) ने मुगलकालीन सामाजिक, आर्थिक चित्रण किया है।
  • वेनिस यात्री मनूची ने अपने यात्रा वृत्‍तांत  Storia Domager में शाहजहाँकालीन इतिहास का विवरण दिया है।
  • 1478 ई० में  अकबर के दरबार में आए फादर एन्‍थोनी मोंसेरात ने अपने यात्रा वृतांत में अकबर का विशद वर्णन किया है।
  • 1588-91 ई० में आए रॉल्‍फ फिच (ब्रिटेन) ने तत्‍कालीन भारनतीय समाज का विस्‍तारपूर्वक वर्णन किया है।
  • 1608-1613 ई० में आए विलियम हॉकिंस ने जहाँगीर के विषय में सटीक विवरण प्रस्‍तुत किये हैं।
  • 1616 ई० में आए टॉमस रो  ने मुगल दरबार की भव्‍यता एवं जहाँगीर की अभिरूचियोंका विवरण अपने यात्रा वृत्‍तांत में दिया है।
  • 1670 ई०  में आए फ्रांसिस बर्नियर (फ्रेंच डॉक्‍टर) ने अपने यात्रा वृत्‍तांत ट्रैवेल्‍स इन दी मुगल एंपायर में मुगलकालीन भारतीय समाज की झाँकी प्रस्‍तुत की है।
  • विदेशी यात्री ट्रैवेनियर एवं मनुची में अपने यात्रा-वृत्‍तांतों में शाहजहाँ से संबंधित विवरण प्रस्‍तुत किए हैं।
  • ग्राण्‍ट डफ रचित विदेशी विवरण मराठोंका इतिहास अति महत्‍वपूर्ण है।
  • एक अन्‍य विदेशी विवरण राजपूतों का इतिहास (लेखक-कर्नल टॉड) भी मध्‍यकालीन इतिहास का महत्‍वपूर्ण स्‍त्रोत है।

दोस्तों आशा है यह Article भारत पर तुर्कों के आक्रमण : इतिहास | Turkey History In Hindi आपकी प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी में काफी मदद करेगा , ऐसे ही Articles पढ़ने के लिए जुड़े रहे : SSC Hindi के साथ !!

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